लू और गर्मी से बचाव के लिए आसन, क्रिया और प्राणायाम
"योग हमें आंतरिक तापमान से भी परिचित कराता है—जहाँ शांति है, वहीं स्वास्थ्य है।"
शीतल प्राणायाम |
लू (हीटस्ट्रोक) क्या है?
लू या सनस्ट्रोक तब होता है जब शरीर लंबे समय तक गर्मी में रहने के कारण अपनी तापमान नियंत्रित करने की क्षमता खो देता है। यह एक गंभीर चिकित्सकीय स्थिति है, जिसके लक्षण हैं.
- शरीर का तापमान 104°F (40°C) से अधिक
- चक्कर आना या मानसिक भ्रम
- तेज़ दिल की धड़कन और तेज़ सांस
- उल्टी, जी मिचलाना, सिरदर्द
- गंभीर स्थिति में बेहोशी या अंग विफलता
योग कैसे करता है लू से बचाव?
योग केवल कसरत नहीं है—यह शरीर, मन और ऊर्जा का संतुलन है। गर्मी में विशेष योग अभ्यास शरीर के तापमान को संतुलित रखते हैं और मानसिक तनाव को कम करते हैं।
1. शरीर को ठंडक देने वाले आसन -
ये आसन शरीर को शांति देते हैं, रक्त संचार सुधारते हैं और गर्मी को कम करते है -
सुप्त बद्ध कोणासन - पेट और ह्रदय क्षेत्र को शांत करता है
विपरीत करणी - पैरों को ऊपर उठाने से रक्त प्रवाह सुधरता है
शवासन -पूर्ण विश्राम और मानसिक शांति
2. शीतल प्राणायाम तकनीक -
कुछ प्राणायाम अभ्यास शरीर को अंदर से ठंडा करने में मदद करते हैं -
- शीतली प्राणायाम - जीभ को नली जैसा मोड़कर सांस अंदर लेना और नाक से बाहर छोड़ना
- शीतकारी प्राणायाम - दांतों के बीच से हवा खींचना और नाक से छोड़ना
3. गर्मी कम करने वाली क्रिया -
सनमुखी क्रिया - इंद्रियों को शांत करती है और मानसिक शीतलता प्रदान करती है
जलनेति - नासिका मार्ग को साफ करके श्वसन में सुधार करती है और शरीर को ठंडक देती है
आयुर्वेद के अनुसार गर्मी से बचाव -
आयुर्वेद के अनुसार, गर्मियों में पित्त दोष का प्रकोप होता है, जिससे शरीर में गर्मी बढ़ती है।
आयुर्वेदिक उपाय -
- ठंडे पेय = आँवला जल, गुलाब जल, पुदीना या धनिए का पानी
- भोजन = खीरा, तरबूज, नारियल पानी, सत्तू
- बचाव = तेज़, तला और खट्टा भोजन न करें
- हर्बल सप्लीमेंट = शतावरी, ब्राह्मी, एलोवेरा रस
प्राकृतिक चिकित्सा के सुझाव -
प्राकृतिक उपायों से भी गर्मी में राहत पाई जा सकती है
- हाइड्रोथेरेपी - ठंडी पट्टियाँ या गीले कपड़े से शरीर को पोंछना
- मिट्टी की पट्टी - पेट और माथे पर लगाने से ठंडक मिलती है
- हल्का भोजन - मौसमी फल, नींबू पानी, छाछ
- धूप से बचाव - सूती कपड़े पहनें, सिर ढकें, दोपहर 11 बजे से 4 बजे तक बाहर न निकलें
वैज्ञानिक प्रमाण -
- शीतली प्राणायाम से शरीर का तापमान संतुलित होता है।
- शवासन और योग निद्रा से ह्रदय की धड़कन धीमी होती है
- क्रिया और प्राणायाम मिलकर शरीर को गर्मी से लड़ने योग्य बनाते हैं
"प्राणायाम वह सेतु है जो शरीर को मौसम से जोड़ता है, और मन को संतुलन देता है।"
- Tanmay Bhati
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